कल २६ जनवरी है जो की हमारा गणतंत्र दिवस है | आप सब को इस गणतंत्र दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं | परन्तु दिल में एक कसक एवं टीस सी उठती है ...क्या हम इतने शक्तिहीन एवं नपुंसक हो गए हैं? कि अपने ही देश में राष्ट्रीय झंडा नहीं फहरा सकते हैं , और उसे फहराने के लिए पूरे देश में या फिर प्रदेश विशेष में चक्का जाम, धरना जैसे प्रदर्शन करना पड़ते हैं| क्या सरकार का कर्त्तव्य नहीं है की इस तरफ ध्यान दिया जाए और हर उस व्यक्ति या सरकार के मनोबल को ऊँचा रखते हुए उसकी देश भक्ति की कदर करते हुए उस प्रत्येक व्यक्ति की भावना एवं सम्मान की रक्षा करने के उपाय उठे जायें|
भारतवर्ष एक हिन्दू राष्ट्र है और हर हिन्दू की भावना की क़द्र करना चाहिए. संविधान में हर व्यक्ति को अपनी भावना को व्यक्त एवं झंडा फहराने की स्वतंत्रता दी है| जम्मू एवं कश्मीर भी भारत का अभिन्न अंग है वह कहीं से भी भारतवर्ष से अलग नहीं है| अतः वहां की सरकार को स्वयं ही झंडा फहराना चाहिए| ऐसी स्तिथि का निर्माण क्यों किया गया है की आज देश दो धडों में बटा दिख रहा है | चाहे कांग्रेस की सरकार हो, चाहे यूपीए की सरकार हो, चाहे भारतीय जनता पार्टी की परन्तु वहां भी भारतवर्ष का राष्ट्रीय झंडा फहराना चाहिए ही|ऐसा नहीं करने पर हमारी सरकार का यह कथन की कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है झूट साबित होगा|
काश कि भगवान् लोगों को सदबुध्ही दे |
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